किस देश की महिला बलात्कारी को जान से मार सकती है ?

Md Danish Ansari
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Which country's women have the right to kill the rapist self-defense

दोस्तो जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि इस वक़्त पूरे देश में फिर से आक्रोश की जवाला भड़क गई है। महिला सुरक्षा को लेकर, राज्य सभा की सदस्य जया बच्चन जी ने तो यहाँ तक कह दिया कि बलात्कारियों को जेल में नही। बल्कि उन्हें पब्लिक को सौंप देना चाहिए ताकि वो उसे मार दें।
बहुत से लोगो ने इसका समर्थन किया तो बहुत से लोगो ने इसे नकारा। लेकिन यह सच है कि महिलाओं पर दिन ब दिन अत्याचार बढ़ते ही जा रहे है। निर्भया कांड हो या फिर आसिफ़ा या फिर अब प्रियंका रेड्डी ये सब वो नाम है जो बहुत ज्यादा हाई लाइट हुए है। पूरे देश भर में, लेकिन जरा सोचिए उनके बारे में जो इसी तरह के वहसी अत्याचार का शिकार होती है।
उनमे से कुछ को न्याय मिलता है तो कुछ लड़ती है और हार जाती है कुछ समाज घर परिवार के डर से चुप रह जाती है। इसीलिए यह जरूरी है कि हमारे देश के संविधान में बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए जो कानून बने है। उसके लिए और भी कड़े नियम बनाये जाए और उसे समाज मे लागू किया जाए। इसके साथ ही हमे इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हम एक पक्ष को न्याय देने के चक्कर मे दूसरे पे अन्याय न कर बैठे।
जहाँ ज्यादातर बलात्कार के केस में महिलाये शिकार रही है। वही बहुत से देश भर ऐसे भी केस हुए है जिसमे महिलाओं ने किसी पुरुष का बलात्कार किया है। या फिर किसी निर्दोष पुरुष को बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में फँसा दिया। जिससे उसका पूरा भविष्य ही दाँव पर लग गया। इसीलिए हम अपनी सरकार से यह उम्मीद करते है कि वह ऐसा कानून बनाएगी जो कठोर तो हो मगर अन्याय पूर्ण न हो।
बलात्कार जैसे जघन्य अपराध से निपटने और उसकी रोकथाम के लिए रूस ने अपने यहाँ एक कानून को पास कर दिया है। जिसके तहत कोई भी महिला जिस पर बलात्कार करने की कोशिश की जाती है या उसके साथ छेड़ छाड़ या फिर बलात्कार किया जाता है। तो वह महिला अपनी आत्मरक्षा में बलात्कारी या बलातकार करने की कोशिश करने वाले शख़्स को गोली मार सकती है यानी उसे जान से मार सकती है।
लेकिन दोस्तों यह कानून भी अपने आप मे एक अत्याचार को जन्म देता है। मान लीजिए कोई ऐसी महिला है जिसका बॉयफ्रेंड या पति उसे छोड़ दिया है। एक दिन वह महिला अपने उस बॉयफ्रेंड या पति को किसी अन्य महिला के साथ देख लेती है। उसके अंदर जलन पैदा होती है और वह उसे एक दिन अकेला पा कर या किसी तरह की साजिश रच कर गुस्से में उस व्यक्ति को गोली मार देती है। फिर उस पर यह आरोप मढ़ देती है कि उसने उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की थी। तो क्या इस परिस्थिति में उस पुरूष के साथ न्याय हुआ?
जाहिर है नही। इसी लिए यह जरूरी हो जाता है कि संविधान में किसी भी तरह का संसोधन करने से पहले हमारे द्वारा चुने गए सभी सांसदों और विधयकों को हर कानून को पास करने से पहले उस पर अच्छी तरह से सोच विचार कर लेना चाहिए। वरना इसका अंजाम बहुत बुरा भी निकल सकता है। जैसे कि देश मे जब दहेज प्रथा को लेकर लगातार हत्या होने लगी।
तब भारत सरकार ने ऐसा कानून पास कर दिया, जिसके तहत कोई भी महिला अगर उसके साथ दहेज प्रताड़ना की जाती है। अगर वह महिला, पुलिस स्टेशन में शिकायत करती है तो पुलिस उस परिवार के सभी लोगो को बिना जाँच पूरी किये ही सीधा जेल में डाल दे। बाद में जाँच की जाए, इनकी वजह से पूरे देश भर में लाखों करोड़ों की तादाद में केस दर्ज हुए।
जब सरकार को शक हुआ और बहुत सारे दहेज उत्पीड़न के केस अदालत में झुटे और बेबुनियाद साबित होने लगे तो सरकार को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कही उन्होंने महिलाओं को अपनी मन मर्जी करने का अधिकार तो नही दे दिया। इसीलिए बाद में सरकार ने पूरे देश भर में दर्ज हुए सभी केस की जाँच करने का आदेश दिया गया। जिसमें यह पाया गया कि पूरे भारत में जितने भी दहेज उत्पीड़न के केस दर्ज हुए उनमे 100 में से 95% से भी ज्यादा केस फर्जी निकले।
इसीलिए सरकार ने इस कानून में फिर से संसोधन किया और फिर इसे लागू किया। इस तरह के एक केस का साक्ष्य तो मैं खुद हूँ। मेरे घर के पास ही एक बहुत ही अच्छी फैमिली रहती थी। उनके बेटे की जब शादी हुई तो उसके कुछ दिन बाद ही से घर मे लड़ाई झगड़ा शुरू हो गया। लड़की ने दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज किया और पूरी फैमिली जेल में बंद हो गयी। बाद में सब निर्दोष साबित हुए। उसी केस के चलने के दौरान यह पता चला कि लड़की किसी और से प्रेम करती थी। फैमिली वालो को इसकी खबर थी और उन्होंने उसकी शादी किसी और से कर दी। जिसके बाद फिर ये सारा झगड़ा शुरू हुआ।
हम अपनी सरकार से यह उम्मीद करते है कि वह जो भी कानून बनाएगी सभी पक्षो को ध्यान में रखते हुए बनाएगी।

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