चीन कर रहा है धरती पे सूरज का निर्माण

Md Danish Ansari
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हम सभी जानते है की आज हम सबकी जरुरत बढती ही जा रही है ! हम सभी के ऐसो आराम की ज़िन्दगी और इस ऐसो आराम को बनाये रखने के लिए उर्जा की जरुरत होती है ! हम अभी तक परम्परागत उर्जा श्रोतो से ही ज्यादातर उर्जा हासिल करते रहे है ! किन्तु किसी भी सभ्यता को अधिक से अधिक विकाश करने के लिए जहा एक तरफ संसाधन चाहिए वही उस सभ्यता के विकाश को बनाये रखने के लिए उसकी उर्जा खपत और माँग की पूर्ति करनी भी जरुरी होती है ! वरना पूरी सभ्यता अन्धकार में चली जाएगी !
हर रोज हमारी उर्जा की माँग बढ़ रही है लेकिन हमारे जो परम्परागत उर्जा श्रोत है वो सिमित है और जल्द ही वो समाप्त भी हो जायेंगे ! फिर क्या होगा हमारी सभ्यता का हमारी सभ्यता के विकाश का क्या मानव सभ्यता अन्धकार में चले जाएगी ? इसके जवाब में आप में से बहुत से लोग यह कहेंगे की हम सौर ऊर्जा का उपयोग कर सकते है परंपरागत ऊर्जा के विकल्प में ! आपका कहना सही तो है मगर सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा और जल ऊर्जा इनका विकास इतना ज्यादा नहीं हुआ है की इनसे हमारी ऊर्जा की खपत की मांग की पूर्ति की जा सके !
एक समस्या यह भी है की ये सभी वैकल्पिक ऊर्जा बिजली उत्पादन के लिए एक बहुत बड़े भूभाग की आवश्यकता पड़ती है ! आप सभी जानते है दुनिया की आबादी इतनी तेजी से बढ़ रही है की कोई खाली जगह भविष्य में शायद ही उपलब्ध हो सके ! तो क्या इसका मतलब यह हुआ की मानव सभ्यता का भविष्य अन्धकार में चला जायेगा ? जी हाँ, अगर मानव ने जल्दी ही किसी नए तरह के ऊर्जा श्रोत की खोज नहीं की जो हमे असीमित ऊर्जा दे सके तो हाँ हमारा भविष्य अन्धकार ही होगा !
लेकिन आप डरिये मत वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका या यूँ कहे की उपाय खोज लिया है जिससे हमारे ऊर्जा की पूर्ति की जा सके ! वैज्ञानिकों ने सूर्य में होने वाले नाभिकीय संलयन की क्रिया पर ध्यान दिया है ! उनका कहना है की अगर हम सूर्य में होने वाली नाभिकीय संलयन की क्रिया को धरती पे शुरू कर पाए नियंत्रित रूप में तो हम अपनी जरूरतों के लिए धरती पर ही सूर्य जैसे ऊर्जा का उत्पादन कर सकते है !
लेकिन इस नाभिकीय संलयन के शुरू होने के लिए हमे बहुत ही उच्च ताप और दाब आवश्यकता होगी ! जो की बहुत ही बड़ी समस्या है क्योकि धरती पर अभी तक किसी ने भी इतना उच्च ताप और दाब उत्पन्न ही नहीं कर पाए है ! लेकिन आप खुश हो जाइये चीन के वैज्ञानिकों ने इस समस्या को हल करने में एक कदम आगे बढ़ चुके है !
चीन के वैज्ञानिकों ने नाभिकीय संलयन से जुड़ा एक दावा पेश किया है ! चाइना के अख़बार चाइना डेली की रिपोर्ट है की चाइना के वैज्ञानिकों ने चाइना इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्लाज़्मा फिजिक्स के नुक्लेअर फ्यूज़न रिएक्टर में सूरज की सतह भी ज्यादा छः गुना तापमान यानि दस करोड़ डिग्री सेल्सियस उत्पन्न किया है ! तापमान को वे लगभग 10 सेकंड तक ही स्थिर रख पाए !
यह कामयाबी चाइना के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है क्योकि अभी तक विश्व में कही भी कोई भी इतनी ज्यादा मात्रा में तापमान उत्पन्न करने में कामयाब नहीं हो पाया है ! अगर चाइना के वैज्ञानिक इसे उत्पन्न करने में कामयाब हुए है तो इसमें कोई शक नहीं की चाइना भविष्य में क्रांतिकारी खोज के साथ अपना प्रभुत्व भी कायम कर लेगा !
लेकिन इसमें अभी बहुत वक़्त लगेगा लेकिन यह जरूर है की चाइना विश्व से एक कदम आगे निकल चूका है ऊर्जा निर्माण के कार्य में ! चाइना के वैज्ञानिकों ने जो ऊर्जा उत्पन्न करने में कामयाबी हासिल की है ! ये वही ऊर्जा है जिसके बिना आप नाभिकीय संलयन की क्रिया शुरू ही नहीं कर सकते ! चीन के वैज्ञानिकों के लिए अब सबसे बड़ी मुश्किल यह होगा की इस उच्च तापमान को वो बनाये कैसे रखे जो अभी सिर्फ 10 सेकंड के लिए ही उत्पन्न हो सकी !
अगर चीन के वैज्ञानिक इस उच्च ताप को स्थिर करने में कामयाब हो जाते है तो उच्च दाब हासिल करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा ! लेकिन इस कामयाबी के साथ ही एक भय का भी जन्म हो जाता है ! भय इस बात का की कभी खुदा ना खास्ता अगर कभी भी यह नाभिकीय संलयन अनियंत्रित हो गयी तो यह हमारी पृथ्वी के विनाश की वजह भी बन सकती है !
हम सभी जानते है की तारों की रौशनी यानि उनकी ऊर्जा नाभिकीय संलयन से उत्पन्न होता है ! जिसमे दो हलके परमाणु मिल कर एक भारी परमाणु का निर्माण करते है ! लेकिन इस भारी परमाणु के भार में कुछ कमी होती है वह इस लिए क्योकि संलयन के दौरान उनका कुछ भाग ऊर्जा के रूप में परिवर्तित हो जाता है और हमे इसी ऊर्जा की जरुरत है !

ईंधन की पूर्ति

इस नाभिकीय संलयन के लिए ईंधन कहा से आएगा तो जनाब हमारा समुद्र कब काम आएगा ! वैज्ञानिक समुद्र के पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणुओं में तोड़ देंगे ! फिर हाइड्रोजन का उपयोग नाभिकीय संलयन के लिए किया जायेगा और ऑक्सीजन का उपयोग स्वाँस के लिए ! फ़िलहाल हमे अभी इंतज़ार ही करना होगा इस ऊर्जा के उपयोग के लिए हमे ऐसी उन्नत टेक्नोलॉजी इजात करनी होगी जो इस नुक्लीअर फ्यूज़न को कण्ट्रोल में रखे !
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