अपने शिशु में इन 3 बातों का ध्यान रखे नही होगा फ्लैट हेड सिंड्रोम

Md Danish Ansari
3 minute read
0

फ्लैट हेड सिंड्रोम बेसिकली तब होता है जब शिशु के जन्म के बाद उसे सिर के बल सुलाया जाता है। जब शिशु 1 माह का होता है और उसे सर के बल सुलाया जाता है। इससे सिर के पीछे एक सपाट स्थान उभकर आता है। अगर बच्चे को करवट लेटाया जाता है तो यह दाएँ या बाएँ तरह उभरता है। यह निर्भर इस बात पर करता है कि आप बच्चे को किस तरफ से सुला रहे है।
फ्लैट हेड सिंड्रोम को पोजीशन plagiocephaly भी कहा जाता है। अपने जन्म के बाद के तीन महीने शिशु पीठ के बल सोते है। इस वक़्त तक बच्चे के सिर की हड्डी पूरी तरह से फ्यूज नही होती है वह मुलायम होती है। इसकी वजह से सिर के एक खास हिस्से पर लगातार दबाव पड़ने पर वह हिस्सा सपाट हो जाता है। यानी कि सिर गोल होने के बजाए यह पीछे या दाएँ बाएँ से थोड़ा चपटा हुआ रहता है।
Click Here!
Find Banking Here!

फ्लैट हेड सिंड्रोम के लक्षण:

  1. बच्चे का सिर एक तरफ से सपाट होने लगता है।
  2. बच्चे के सिर पर उस हिस्से में कम बाल होते है।
  3. जब शिशु के सिर को नीचे की ओर देखा जाता है, तो चपटा हुआ कान आगे की ओर धंसा हो सकता है।
  4. कई गंभीर मामलों में माथे चपटे से विपरीत दिशा में उभर सकते है। यह असमान दिखता है।
  5. अगर यह Tourisolis का कारण है तो गर्दन जबड़ा और चेहरा भी असमान हो सकता है।

फ्लैट हेड सिंड्रोम के उपाय:

अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को फ्लैट हेड सिंड्रोम हो रहा है या उसके लक्षण दिखाई दे रहे है। तो ऐसे में आपको एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। टोर्टिकोलिस कि जाँच करने के लिए डॉक्टर यह देख सकता है कि बच्चा सिर और गर्दन को कैसे हिलाता है। वैसे आम तौर पर किसी ख़ास तरह की टेस्ट की जरूरत नही पड़ती।

बच्चे को फ्लैट हेड सिंड्रोम से बचाने के उपाय:

पेट के बल लेटाना:

जब बच्चा एक माह का हो जाये तो आप उसे पीठ के बल सुलाने के बजाए। आप उसे पेट के बल लिटाये जब बच्चा जाग रहा हो या दिन का वक़्त हो तो बच्चे को पीठ के बल न लेटा कर उसे पेट के बल ही लिटाये। लेकिन साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा ज्यादा देर तक पेट के बल न लेटे। बीच बीच मे आप उसे अपनी गोद में उठा लें। बच्चे का सिर नाजुक होता है इसलिए बच्चे को जब भी उठाए। उससे पहले बच्चे के सिर के पीछे से उसके सिर को सहारा दे फिर उसे उठाये।

पालना में अलग अलग स्थिति में सुलाये:

विचार करें कि आप अपने बच्चे को पालना में कैसे लेटाते हैं। अधिकांश दाएं हाथ के माता-पिता शिशुओं को अपनी बाईं बाहों में पालते हैं और उन्हें उनके बाएं सिर के साथ लेटते हैं। इस स्थिति में, शिशु को कमरे में देखने के लिए दाईं ओर मुड़ना चाहिए। पालना में अपने बच्चे को सिर के उस तरफ सक्रिय सक्रियता को प्रोत्साहित करने के लिए रखें जो चपटा न हो।

बच्चे को गोद में लें:

आज कल की महिलाएं अपनी जीवन में बहुत व्यस्त होती है। वही पुरुष भी ज्यादातर कामो में ही व्यस्त होता है। इसलिए कई माये शिशु को दूध पिलाने के बाद कई घंटों तक सोने देती है। सोने देना तो अच्छी बात है लेकिन एक ही स्थिति में शिशु का घंटो सोना ठीक नही। इसलिए बीच बीच मे अपने शिशु के सोने की स्थिति को बदले ताकि उसके सिर के किसी भी खास हिस्से पर ज्यादा देर तक दबाव न पड़े।
Tags

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!