दोस्तों मजबूत आकर्षक और बड़े बाइसेप्स हमारी पर्सनालिटी और भी उभर कर लोगो पर अपना इम्प्रेशन जमाती है। यह सिर्फ एक आकर्षक सुडौल शरीर की ही माँग नही है। बल्कि रिसर्च से यह बात साबित हुई है कि, मजबूत सुडौल बड़े बाइसेप्स लड़कियों को सुरक्षा का अनुभव कराती है। इसलिए ज्यादातर लड़कियाँ इसी तरह के लड़कों से प्रेम या फिर शादी करना पसंद करती है। लेकिन इसका मतलब यह कतई नही है कि लड़कियाँ सिर्फ बाइसेप्स के आधार पर ही आपको जज करें।
क्योकि हर इंसान सामने वाले को अलग अलग आधार पर परखता है। फिर उसे अपना जीवन साथी बनाना है या नही बनाना यह तय करता है। लेकिन रिसर्च के मुताबिक हमारे बाइसेप्स हमारे चयन को आसान बना देते है। दोस्तो चाहे लड़का हो या लड़की जब बात शादी की हो या प्रेम प्रसंग की तो जाने अनजाने हमारा दिमाग। ऐसे लोगो को ही तलाश करता है, जिसका डीएनए अच्छा स्वस्थ और ताकतवर होता है। इसके साथ ही हमारी शरीर की बनावट हमारा खान पान यह सब कुछ भी इसमे शामिल होता है।
हो भी क्यों न, आज हर कोई जॉन अब्राहम (John Abraham) और रितिक रोशन जैसे हैवी बाइसेप्स बनाना चाहता है। कई लड़के मेहनत के बाद बाइसेप्स बनाने में सफल हो जाते हैं, लेकिन काफी ऐसे भी हैं जिनके बाइसेप्स का साइज नहीं बढ़ता।
अगर आपको अपने बाइसेप्स का साइज बढ़ाना है। या आपके बाइसेप्स का साइज नहीं बढ़ रहा है, तो हम आपको ऐसी जानकारी देने वाले हैं। जिससे आपको इनका साइज बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे आप 15 दिन में ही अपने बाइसेप्स का साइज बढ़ा सकते हैं।

1. बाइसेप्स ट्रेनिंग करें

जब भी आप एक्सरसाइज करें तो बाइसेप्स एक्सरसाइज को रिपीट जरूर करें। ऐसा करने से आपके बाइसेप्स का साइज बढ़ सकता है। इसके साथ ही आपको हफ्ते में 2 दिन आर्म्स की एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसके साथ ही ट्राइसेप्स (Triceps) और फोरआर्म्स (Forearms) को भी आपको ट्रेन करना होगा। ताकि आपके बाइसेप्स अच्छे से दूसरों को न सिर्फ एक्सप्रेस हो बल्कि दिखने में भी आकर्षक हो। ऐसा करने से आपके बाइसेप्स का हर मसल्स ट्रेन होगा और जल्दी ग्रो करेगा। 
जो नए लोग होते ही वह अक्सर यह गलती करते हैं। कि बाइसेप्स जल्दी से जल्दी बनाने के चक्कर में वो हर रोज़ बाइसेप्स की एक्सरसाइज करते रहते है। लेकिन यह गलत है क्योंकि यह बाइसेप्स मसल बहुत छोटा हाइस्सा है। आपके द्वारा की जाने वाली दूसरी एक्सरसाइज भी इस मसल ग्रुप पर असर करती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप हफ्ते में सिर्फ एक बार ही बाइसेप्स एक्सरसाइज करें। क्योंकि ये मसल्स ग्रुप काफी छोटा है। अन्य कसरतों में भी इसका यूज होता है। जब आपको जिम करते हुए काफी वक्त हो जाये तो किसी ट्रेनर से सलाह लेने के बाद आप अपने बाइसेप्स की एक्सरसाइज हफ्ते में एक बार की बजाए दो बार भी कर सकते है।

2. रेजिस्टेंस ट्रेनिंग

आप मे से बहुत से ऐसे लोग होंगे जो बाइसेप्स बनाने के चक्कर में, सिर्फ डम्बल्स ही मारते रहते है। लेकिन ऐसा करना गलत है, अगर आपको अपने बाइसेप्स का साइज बढ़ाना है। तो आपको रेजिस्टेंस ट्रेनिंग भी बाइसेप्स एक्सरसाइज के साथ करना चाहिए। रेजिस्टेंस ट्रेनिंग आपके बाइसेप्स का साइज बढ़ाने में काफी मदद करती है। अधिकतर लोग सिर्फ डम्बल और बार्बेल से ही एक्सरसाइज करते रहते हैं।
इसके मुकाबले उन्हें केबल, रेजिस्टेंस बैंड, केटलबेल आदि से भी एक्सरसाइज करना चाहिए। इससे मसल्स टारगेट बदलेगा और आप सेशन में कुछ अलग एक्सरसाइज करेंगे। इससे आपका फोकस भी अधिक बना रहेगा।

3. पहले इस बात का रखें ख़्याल

हम में से बहुत से लोगो ने यह काम जरूर किया होगा। जब भी हम किसी जिम में जा कर एक्सरसाइज करते है। तो हमारे आसपास कई लोग एक्सरसाइज करते हैं, उनके हैवी बाइसेप्स देखकर हम उनकी एक्सरसाइज स्टाइल को फॉलो करने लगते हैं। यह गलती कभी न कभी हम जरूर करते है। आपको यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वो लोग कई सालों से जिम कर रहे हैं। उनका बाइसेप्स बन चुका है, अब वो लोग जो भी एक्सरसाइज करते है। वह सब सिर्फ उनके बाइसेप्स और बाकी के बॉडी कट्स की शेप को बनाये रखने के लिए करते है। इसलिए आप कभी भी उन लोगो की कॉपी मत कीजिये जिनकी बॉडी पहले से बनी हुई है।
आप इस क्षेत्र में नए हैं तो आपको बार्बेल, डम्बल, केबल और रेजिस्टेंस बैंड से ही कसरत करना चाहिए। जब जिम करते हुए आपको कुछ समय हो जाए तब आप अपने ट्रेनर से एक्सरसाइज के नए वेरिशन्स के बारे में पूछ सकते हैं। 

4. हैवी वेट VS पोजिशन

बहुत से नए जिम जॉइन करने वाले लोग अक्सर जल्दी से जल्दी बॉडी बनने के चक्कर में गलती करते हैं। वो यह सोचते है कि वे जितना ज्यादा हैवी वेट उठायेंगे। उनकी बॉडी उतनी ही जल्दी शेप लेना शुरू करेगी। लेकिन ऐसा नही है हैवी वेट उठाने के चक्कर में वर्कआउट पोजिशन से समझौता करना गलत हो सकता है। इतना ही नहीं इससे आपको चोट भी लग सकता है।
मैंने कई बार जिम में देखा है कि लोग अपनी क्षमता से अधिक वेट उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने से उनका पोश्चर गलत हो जाता है और उनका टारगेट मसल्स बदल जाता है। साथ ही लोड भी अन्य मसल्स पर आने लगता है। जिसकी वजह से कई मसल्स डैमेज हो जाते है और फिर उन्हें दर्द होता है। ऐसे में आपको यह बात गांठ बांध कर रखनी चाहिए कि, हैवी वेट उठाने से ज्यादा जरूरी है। आपका पोश्चर, क्योकि अगर आपका पोश्चर गलत हुआ तो यह आपके मसल्स को डैमेज कर देगी। आप जितना सही पोश्चर में एक्सरसाइज करेंगे आपकी बॉडी आपके बाइसेप्स उतनी ही जल्दी उभर कर कट्स के साथ एक्सप्रेस होगी।

5. डाइट

बहुत से लोग जिम में कई घंटे बिताने और हैवी वेट उठाने के बावजूद उनकी बॉडी में कुछ खास फर्क नही दिखता। इसकी सबसे बड़ी वजह है उनका डाइट मैंने ऐसे कई लोगों को देखा है जो हैवी वेट उठाते हैं लेकिन उनके बाइसेप्स का साइज नहीं बढ़ता। ऐसे लोगों को मैं बताना चाहूंगा कि सिर्फ हैवी वेट उठाने से साइज नहीं बढ़ेगा इसके लिए आपको प्रोपर न्यूट्रिशन पर भी ध्यान देना पड़ेगा। न्यूट्रिशन का मतलब यह नही की आप सप्लीमेंट लेना शुरू कर दें। न्यूट्रिशन का मतलब है कि आप अपने जिम वर्क आउट और अपने गोल्स के हिसाब से डाइट लें।
आपको अपने गोल के मुताबिक प्रोटीन, फैट और कार्ब के इंटेक पर ध्यान देने की बहुत जरूरत होती है। यदि आप अपने बाइसेप्स का साइज बढ़ाना चाहते हैं तो आप किसी ट्रेनर से अपने लिए बेस्ट डाइट प्लान बनवा सकते है और उसे फॉलो कर सकते हैं। फिर देखिए वर्क आउट और डाइट दोनों मिलकर कैसे 2 हफ्ते में आपके बाइसेप्स को उभारते है।

ऑर्म्स की कुछ बेस्ट एक्सरसाइज

  • बार्बेल कर्ल (Barbell Curl)
  • वन आर्म डंबल कर्ल (One-Arm Dumbbell Curl)
  • प्रीचर कर्ल (Preacher Curl)
  • कॉफ रेज (Calf Raise)
  • क्लोज ग्रिप चिन अप्स ( Close Grip Chin Ups)
  • रोमन रिंग डिप्स (Roman Ring Dips)
  • क्लोज ग्रिप रिंग पुश-अप्स (Close Grip Ring Push-Ups)
  • वन आर्म पार्सिअल हैमर कर्ल (One Arm Partial Hammer Curl)
उम्मीद है कि आपको हमारे इस आर्टिकल से काफी कुछ सीखने को मिला होगा। अगर आप को यह पोस्ट पसंद आया तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ शेयर कीजिये। जो अभी जिम जॉइन किये है या जिम जॉइन करने वाले हैं।

दुनिया में शायद ही ऐसा कोई होगा, जिसे खूबसूरत दिखना पसंद नहीं हो,खास तौर पर महिलाये। खूबसूरती शरीर के बनावट और निखार पर निर्भर करती है। चिकनी और मुलायम त्वचा स्त्रियों के रूप में चार चाँद लगा देती है। वही दूसरी तरफ चेहरे और शरीर के भागो पर अनचाहे बाल बहुत ही खराब दिखते है। हमारे शरीर पर बाल होना आम बात है लेकिन यह बाल जरूरत से ज्यादा और गलत जगहों पर होने पर हमारी खूबसूरती में दाग की तरह दिखते हैं। इसलिए, आजकल लोग बालों को हटाने के अलग अलग तरह के उपाय करते हैं, जिसमें बालों की वैक्सीन करवाना सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसके लिए लोग घर पर ही वैक्सीन तैयार करते हैं या फिर ब्यूटी पार्लर में जाकर बॉडी वैक्स करवाते हैं। लेकिन बॉडी वैक्स एक दर्दनाक प्रक्रिया है। इसमें दर्द तो होता ही है। साथ ही इसके कुछ दुष्प्रभाव भी है, जिसके कारण शरीर पर कालेपन की शिकायत होने लगती है। तो ऐसे में लोग ऐसे आसान और प्राकृतिक तरीके इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। जिससे चेहरे और शरीर के बाल आसानी से हटाये जा सके और किसी तरीके का साइड इफेक्ट भी ना हो। अगर आप भी अनचाहे बालों से परेशान हैं तो हम आपके लिए कुछ बेहतरीन प्राकृतिक आयुर्वेदिक साबुन के नाम बताने जा रहे है। जिनका इस्तेमाल करके आप अपने शरीर से हेयर रिमूव कर सकते हैं।

9 बेहतरीन हेयर रिमूवल सोप (9 Best Hair Removal Soaps)

1. Venus Hair Removing Soap

वीनस हेयर रिमूवल सोप यह साबुन अंडर आर्म्स, बिकनी लाइन, पैर, हाथ और पेट की अनचाहे बालों से आपको छुटकारा दिला सकता है। ब्लीचिंग से कही अच्छे परिणाम यह आपको देता है। इसके साथ ही इस साबुन में नेचुरल मॉइस्चराइज़र का उपयोग आपकी त्वचा की नमी का ख्याल रखता है। यह महिलाओं के शरीर से अनचाहे बालों को हटाने के लिए एक अच्छा विकल्प है। इस साबुन के इस्तेमाल से अभी तक किसी तरह के एलर्जी से संबंधित केस नही हुए है।

2. SMOOTH Hair Removal Soap

यह साबुन आपके पूरे शरीर से अनचाहे बालों को हटाने के साथ ही इसमे मौजूद anti-sweat technology हमारे शरीर की पसीने की बदबू से छुटकारा दिलाता है। इसमें प्राकृतिक कीचड़ और हर्बल पौधों की जड़ो से प्राप्त सत्व स्वाभाविक रूप से अनचाहे बालों को हटाने के लिए सामूहिक रूप से काम करते हैं। यह सुरक्षित जापानी उत्पाद है जिसे ब्यूटी बाथ साबुन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस साबुन के इस्तेमाल से एक बार में ही सारे बाल साफ नही होते। यह साबुन आपके शरीर से धीरे धीरे बालों को साफ करता है। बाद में यह उस जगह से हमेशा के लिए बाल साफ कर देता है।

3. Hair Removal Soap By Onespa

यह बालों को हटाने के लिए एक आदर्श साबुन माना जाता है। इसमें शैवाल का अर्क, विटामिन ई और ब्लूबेरी अर्क होता है। यह त्वचा को गोरा, बाल मुक्त, moisturized और तेज़ युक्त बनाता है। यह साबुन महिलाओं के लिए एक आदर्श साथी है, क्योंकि यह बालों को हटाने के बाद त्वचा को सूखा या काला नहीं करता है। यह पैरों, हाथो, अंडर आर्म्स और पेट पर उपयोग करने के लिए आदर्श है। इस साबुन का प्रयोग आंखों और जननांग क्षेत्रों के आस पास करने से बचे। अगर आप के बाल मोटे है तो फिर इस साबुन का प्रयोग आपको दो से तीन दिन करना पड़ेगा।

4. Bon Bon Epi Savon Hair Removal Soap

Bonbon कंपनी द्वारा बनाया गया यह साबुन महिलाओं के लिए दर्द रहित बाल निकालने का अच्छा विकल्प है। सुंदर, चमकदार, बाल मुक्त और मॉइस्चराइजिंग त्वचा चाहने वाले इसका उपयोग जरूर करे। यह हाथ, पैर, अंडर आर्म्स और बिकनी लाइन पर उपयोग करने के लिए अच्छा है।

5. Ayurvedic Hair Removal Soap By Ayurvedic Nature Care

इस साबुन में प्राकृतिक जड़ी बूटियों के तत्व होते है, जो पूरे शरीर पर उपयोग (जननांग और चेहरे के क्षेत्रों को छोड़कर) करने के लिए सुरक्षित है। यह एक अत्यंत शक्तिशाली बाल निकालने वाला फार्मूला है जो एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी एजेंट के रूप में भी कार्य करता है। इस साबुन का इस्तेमाल गुनगुने पानी के साथ ही करें।

6. Coconut Milk Hair Removal Soap By Kingbo

दूध और क्रीम से भरपूर यह साबुन पैरों, हाथों और अंडर आर्म्स के बाल को गहराई से साफ करता है। यह त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुँचता। यह चीनी सौंदर्य सोप 5 अलग-अलग रंगों के साथ आता है। इसका उपयोग गुनगुने पानी के साथ करें। साथ ही इसका उपयोग जननांगों पर करने से बचे। आप इस साबुन का उपयोग पेट के बाल हटाने के लिए भी कर सकते है।

7. Hair Removing Soap By Tendsoft

इस साबुन को हाथो से बनाया जाता है। इसमें ग्लिसरीन का उपयोग भरपूर मात्रा में किया गया है।
यह शरीर के डैड स्किन को भी हटा देता है। यह साबुन उन महिलाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद है जिनकी स्किन सेंसिटिव है। इस साबुन का इस्तेमाल आप हाथ पैरो कांख के निचे के बाल पीठ के बाल और छाती के बाल हटाने के लिए कर सकते है। लेकिन इसका उपयोग चेहरे और जननांग के बालों को हटाने के लिए न करे। यह साबुन स्कीन को पोषण भी करती है और त्वचा को नरम, बाल रहित बनाकर गोरा बनाती है। इस साबुन का इस्तेमाल करने के बाद उस जगह को सुखा बिल्कुल न रखे। जहाँ तक हो सके इस साबुन का इस्तेमाल गुनगुने पानी के साथ ही करें।

8. Classic Valley Hair Removal Soap

यह साबुन महिलाओं के लिए सबसे अच्छा हेयर रिमूवल सोप माना जाता है। खासकर तौर पर पैरो के बाल बिना किसी झंझट और दर्द के हटाने में सक्षम है।

9. Claus Royal Porto Soap Sabonete Aromatico

यह नरम बालों को हटाने का एक अच्छा बॉडी सोप है। जो पूरे शरीर के बालों को साफ करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ग्लिसरीन और वनस्पति तेलों में बेहद समृद्ध है। इसका उपयोग गुनगुने पानी के साथ ही करें।

नोट:

सभी उपरोक्त सूचीबद्ध बालों को हटाने के विकल्प दर्द रहित हैं और अच्छे परिणाम प्रदान करते हैं। लेकिन बालों को हटाने वाले साबुन का चुनाव करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि आपकी त्वचा सभी प्रकार के साबुन लिए उपयुक्त नहीं हो सकती।

दोस्तों जनवरी का महिना लगभग अब बीतने वाला है और फ़रवरी का महिना आने वाला है। कुल मिला कर गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है बल्कि भारत के कुछ इलाको में तो अब गर्मी पड़ने भी लगी है। गर्मियों के मौसम में पुरषों को पसीने और उसकी बदबू से प्रॉब्लम होना तो आम बात है। वैसे भी पुरुषों का शरीर महिलाओं के शरीर के मुकाबले ज्यादा पसीना बहाता है। लेकिन पुरषों के पसीने की बदबू महिलाओं के पसीने की बदबू से कही ज्यादा तीखी होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है पुरषों और महिलाओं में हार्मोन्स की मात्राओ में अंतर होना। हम पसीने को आने से तो नहीं रोक सकते लेकिन हाँ हम इसकी बदबू को दबाने के लिए उपाय जरुर कर सकते है।
गर्मी के दिनों में हमारे शरीर से बहुत ज्यादा पसीना निकलता है। इसलिए हम में से ज्यादातर लोग या तो बहुत ज्यादा Deo का इस्तेमाल करते है या फिर पाउडर का। पसीने की बदबू से बचने के लिए आपको गर्मी के दिनों में नहाने के बाद कोई अच्छा टेलकम पाउडर लगाना चाहिए। बहुत से लोग ये सोचते होंगे की पाउडर सिर्फ महिलाओं के लिए है। लेकिन ऐसा नहीं है टेलकम पाउडर जितना महिलाओं के लिए जरुरी है उतना ही पुरषों के लिए, अब पसीना तो दोनों को ही आते है।
गर्मियों में आपको हमेशा नहाने के बाद टेलकम पाउडर लगाना चाहिए। क्योकि यह हमारे शरीर से नमी को सोख लेता है और पसीना आने पर भी यह पसीने को सुखा कर हमारे शरीर को सुखा रखता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है ऐसे बेस्ट टेलकम पाउडर के बारे में जो पुरषों के लिए बेस्ट है। इसके साथ ही यह भारतीय बाजार में बड़ी आसानी से और कम रुपयों में उपलब्ध है। ये सभी टेलकम पाउडर खुशबू में बेहतरीन होने के साथ साथ आपके जेब पर ज्यादा बोझ न बनते हुए आपके बजट के अन्दर ही आपको मिल जायेंगे।

क्यों जरूरी है टेल्कम पाउडर (Why We Need Talcum Powder?)

गर्मी के दिनों में अगर आपको थोड़ी देर भी बिना पंखे या एसी के बैठना पड़े तो हमें पसीना निकलना शुरू हो जाता है। इसके अलावा अगर हमे किसी काम से बाहर निकलना पड़े तो फिर पूछिए ही मत। हमारे शरीर से पसीना ऐसे निकलता है जैसे हमारे सिर के ऊपर किसी ने पानी की धार छोड़ दी हो। ऐसी सूरत में शर्ट और कपड़े अक्सर शरीर से चिपककर खराब हो जाते हैं। 
इस हालात से बचने का सबसे अच्छा तरीका टेल्कम पाउडर लगाना है। टेल्कम पाउडर लगाने से शरीर के ऊपर एक लेयर बन जाती है, जो हमारे शरीर के पसीने को सूखा कर उसे जल्दी से वाष्पित करने में मदद करती है। इससे शरीर से पसीना जल्दी सूख जाता है और कपड़े भी हमारे शरीर से चिपकते नही हैं। इसके अलावा टेल्कम पाउडर स्किन को कूल रखने के साथ ही खुजली से बचाने में भी मदद करते हैं। 

कौन सा टेल्कम पाउडर बेस्ट है (Which Talcum Powder is Best)

वैसे तो भारतीय बाजारों में पुरुषों के लिए ढेरों टेल्कम पाउडर मौजूद हैं। लेकिन हम यह कैसे तय करेंगे कि कौन सा टेल्कम पाउडर हमारे लिए बेस्ट है? मेरी राय में पुरषों के लिए बेस्ट टेल्कम पाउडर वही है जिसमें ज्यादा अच्छी खुशबू हो, जो हमें पसीने की बदबू से बचाने के साथ साथ पसीने से भी बचाये। इसके साथ ही बॉडी पाउडर ऑयली स्किन या हीट रैश से भी हमेंं बचाये। इसके साथ ही प्रोडक्ट का हमारी बजट में होना भी बहुत ज्यादा जरूरी है।

बेस्ट खुशबू वाले मेंस टेल्कम पाउडर (Best Smelling Talcum Powders for Men in India)

1) पार्क एवेन्यू स्टॉर्म टेल्क (Park Avenue Storm Talc)

पार्क एवेन्यू मेंस के लिए बेस्ट ब्रांड में से एक है यह टेल्कम पाउडर किसी भी डिओ या परफ्यूम से कम नहीं है। पार्क एवेन्यू के इस टेलकम पाउडर की खुशबू जबरदस्त है। यह आपके पसीने की बदबू को अच्छी तरह से कवर कर लेता है और आपको पसीने की बदबू से राहत दिलाता है। पार्क एवेन्यू टेलकम पाउडर में आपको कई आप्शन मिलेंगे एक टैंगी सिट्रस, फ्रेश, लैवेंडर, स्पाइसी, खुशबूदार ग्रीन वुडी और मस्की बेस की खुशबू मिलेगी। ये कम बजट में मिलने वाले बेस्ट टेल्कम पाउडर में से एक है। 

2) वाइल्ड स्टोन अल्ट्रा सेंसुअल डियो टेल्क (Wild Stone Ultra Sensual Deo Talc)

दोस्तों वाइल्ड स्टोन अल्ट्रा सेंसुअल टेलकम पाउडर डियो और परफ्यूम की तरह ही लोगो को बहुत ज्यादा पसंद आते है। वाइल्ड स्टोन के अल्ट्रा सेंसुअल डियो टेल्क में डियोड्रेंट और टेल्कम पाउडर दोनों की खूबियाँ मौजूद हैं। जब हम में से ज्यादातर लोग को गर्मी के कारण शरीर से निकलने वाली दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। वाइल्ड स्टोन का ये टेल्कम पाउडर हमें पसीने से बचाने के साथ ही शरीर की दुर्गंध से बचने में भी मदद करता है। 

3. एक्स डेनिम कोलोन टेल्क (Axe Denim Cologne Talc)

एक्स का डेनिम कोलोन टेल्क उन पुरुषों के लिए बेस्ट है जो दिन भर ड्राई रहने के साथ ही अच्छी खुशबू भी चाहते हैं। इस पाउडर में हीट रैशेज को घटाने के अलावा पसीने की नमी को सोखने के भी गुण मौजूद हैं। यह टेल्कम पाउडर त्वचा में खुजली उत्पन्न नही होने देता। इस टेल्कम पाउडर में टेल्क के अलावा, कैल्शियम कॉर्बोनेट, परफ्यूम, डाईप्रोपिलिन ग्लाईकोल आदि मौजूद हैं। 

4. नीविया मस्क टेल्क (Nivea Musk Talc)

बहुत से पुरुषों को मस्की खुशबू बहुत पसंद होती है। यही कारण है कि नीविया का मस्क टेल्क भी भारतीय बाजार में मौजूद टेल्कम पाउडर के बीच अच्छा खासा पसंद किया जाता है। निविया का यह टेल्कम पाउडर न सिर्फ दिन भर आपका पसीना सोखता है बल्कि अपनी भीनी खुशबू से भी आपको दिन भर महकाता है। ये टेल्क आपको दिन भर बदबू से भी बचाने में मदद करता है।

5. यार्डले लंदन जेंटलमैन टेल्कम पाउडर (Yardley London Gentleman Talcum Powder)

अगर आप उन लोगों में से है जिन्हें अच्छी खुशबू वाले टेल्कम पाउडर की तलाश हैं तो यार्डले का ये शानदार टेल्कम पाउडर आपके लिए ही बना है। ये इंपोर्टेड बॉडी पाउडर खासतौर पर मैनली सेंट के साथ पुरुषों के लिए बनाया गया है। इस टेल्कम पाउडर में आपको चंदन की लकड़ी, मस्क, अंबर और सफेद चॉकलेट के नोट्स मिलेंगे। ये सभी मिलकर इस टेल्कम पाउडर को बेहतरीन खुशबू वाले टेल्कम पाउडर बना देते हैं।

6. डैनवर आइस कोल्ड टेल्क (Denver Ice Cold Talc)

ज्यादातर डैनवर के बॉडी स्प्रे को ही सबसे पसंद किया जाता है लेकिन उनका डियो टेल्क भी क्वालिटी में किसी से कम नहीं है। डैनवर के आइस कोल्ड टेल्क में फाइन टैक्सचर वाली खुशबू मौजूद है। ये टेल्क दिन भर स्किन को पसीने के चिपचिपेपन और खुजली से बचाने में मदद करती है। इस टेल्क में कूलिंग देने वाले पदार्थों के साथ ही बदबू को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकने वाले पदार्थ भी मिलाए गए हैं।

7. डैनवर ब्लैक कोड टेल्कम पाउडर फॉर मेन (Denver Black Code Talcum powder for men)

हम आपको बता दें कि डैनवर ब्रांड को भारतीय पुरुष काफी पसंद करते हैं। इस टेल्कम पाउडर की कीमतें बेहद वाजिब होने के साथ ही इसके प्रोडक्ट काफी वैल्युएबल भी साबित होते आये हैं। इस टेल्कम पाउडर की खुशबू बेहद मैनली है। ये टेल्कम पाउडर लगाने के कुछ मिनटों के बाद से लेकर शाम तक बेहद भीनी सी खुशबू में आपका शरीर महकता रहता है।

टेल्कम पाउडर कैसे लगाए? (How to Use Talcum Powders?)

1. नहाने के बाद तौलिए से अपनी स्किन को अच्छी तरह से पोंछे। इसके बाद पंखे को चालू करके शरीर को सूखा ले।
2. फिर हथेली पर थोड़ा सा पाउडर लीजिए और उसे पैरों और घुटनों के पीछे लगाइए।
3. इसके बाद गुप्तांगों पर भी थोड़ा सा पाउडर छिड़कें। इससे गर्मी और पसीने के बाद इन अंगों में होने वाली खुजली और जलन की समस्या से राहत मिलती है। 
4. फिर उसके बाद सीने और हाथों में भी पाउडर छिड़कें और सूखे हाथों से धीरे-धीरे मलें। इससे पाउडर की पतली सी लेयर स्किन पर बन जाती है और ये शरीर में थोड़ा सूख भी जाती है।  
5.  इसके बाद आप डियोड्रेंट और बॉडी स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
6. डियोड्रेंट लगाने के बाद थोड़ा सा पाउडर गर्दन और अंडरआर्म्स पर भी छिड़कें। पाउडर को दोनों हाथों से स्किन पर हल्के से घिस कर मिला दें।
उम्मीद है दोस्तो आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। उम्मीद है यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित हुआ होगा!

जवाब :

  1. अगर सभी यात्रियों के लिए प्लेन में पैराशूट की व्यवस्था की जाये तो यह एयरलाइन को बहुत ही ज्यादा महँगा पड़ेगा.
  2. इसके साथ ही सभी यात्रियों के लिए पैराशूट की व्यवस्था करने पर एयरप्लेन में इसके लिए बहुत सारी जगह चाहिए जो की मुमकिन नहीं है.
  3. एक पैराशूट का औसत वजन 7 किलो से लेकर 14 किलो तक हो सकता है. ऐसे में अगर एक एयरप्लेन में 150 यात्री भी हुए तो सिर्फ पैराशूट का वजन ही 1050 किलो से लेकर 2100 किलोग्राम तक हो जायेगा. हम सभी जानते है की एयरप्लेन सिर्फ कुछ निश्चित तय वजन लेकर ही उड़ान भर सकता है.
  4. पुरे एयरप्लेन का वजन उसकी उड़ान पर प्रभाव न डाले इसलिए आपके सामान को किलोग्राम के हिसाब से डिवाइड किया जाता है. अगर पुरे एयरप्लेन का वजन ज्यादा हो जाता है तो आपका सामान दुसरे प्लेन से भेजा जाता है.
  5. इसके साथ ही हर बार उड़ान भरने से पहले पुरे एयरप्लेन की जाँच होती है, ऐसे में अगर हर एक पैराशूट की जाँच की जाये तो इसमें और भी ज्यादा समय लगेगा.
  6. इसके साथ ही एयरप्लेन के हर बार उड़ान भरने से पहले एयर होस्टेज को यात्रिओं को इमरजेंसी में पैराशूट का इस्तेमाल कैसे करना है यह समझाने में भी बहुत ज्यादा समय लगेगा.
  7. इसके साथ एयर होस्टेज के पैराशूट के इस्तेमाल के बारे में बता दिए जाने पर भी यात्री सही से समझ सके यह जरुरी नहीं.
  8. अगर किसी आपातकालीन परिस्थिति में सभी यात्रिओं को अगर पैराशूट से निचे उतारना पड़ा तो ऐसी स्थिति में प्लेन के अन्दर ही भगदड़ मच जाएगी. जिससे प्लेन असंतुलित हो कर समय से पहले ही क्रेश हो सकता है.
  9. यात्री एयरप्लेन 35000 फीट की ऊँचाई पर उड़ते है, ऐसे में आप ही बताइए क्या आप इतनी ऊँचाई से पैराशूट से निचे कूद सकते है. जाहिर है नहीं यह हर किसी व्यक्ति के बस की बात नहीं है.
  10. स्काई ड्राइविंग करने वाला कोई व्यक्ति जब 15000 फीट की ऊँचाई से जम्प करता है तो उसे ऑक्सीजन की जरुरत पड़ती है. क्योकि इतनी ऊँचाई पर आप आसानी से साँस नहीं ले सकते, अगर सभी यात्री के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई तो यह काफी महँगा होगा.
  11. इसके साथ ही यात्रिओं के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए एयरप्लेन में अतिरिक्त जगहों की जरुरत पड़ेगी जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती.
  12. चूँकि प्लेन हवा में होगा और जिस वक़्त आपातकालीन स्थिति होगी उस वक़्त जरुरी नहीं की प्लेन किसी जमीनी सतह के ऊपर उड़ रहा हो. आप सीधे किसी समुद्र के बीचो बीच भी उतर सकते है जोकि और भी भयानक परिस्थिति उत्पन्न कर देगी.
इन्ही सब कारणों की वजह से यात्री एयरप्लेन में यात्रियों के लिए पैराशूट की व्यवस्था नहीं की जाती. क्योकि यह असुविधाजनक होने के साथ साथ खतरनाक और खर्चीला है. इससे प्लेन की उड़ान पर असर पड़ता है और एयरप्लेन में बार बार उड़ान सम्बंधित असुविधा होने के साथ साथ क्रेश होने के चांसेस भी बढ़ जायेगे.

हाल के कुछ शोधों से पता चला है कि स्कूल जाने वाली उम्र के लगभग 75 प्रतिशत बच्चों को कभी न कभी सिरदर्द का अनुभव होता ही है। उनमें से भी 10 प्रतिशत नियमित और पुरानी स्थिति से पीड़ित होते हैं। बच्चों में सिरदर्द दो प्रकार के हो सकते हैं: एक तो प्राथमिक सिरदर्द विकार, जिसके अंतर्गत पुरानी दैनिक सिरदर्द, माइग्रेन, तनाव से सिरदर्द, क्लस्टर सिरदर्द, पैरॉक्सिमल हेमिक्रानिया, जो कि आंतरिक प्रक्रियाओं, और अन्य ट्राइजेमिनल के कारण होता है ऑटोनोमिक सेफालिज़्म और वही दूसरी तरफ सिरदर्द विकार, जो किसी बीमारी के लक्षण के रूप में उत्पन्न हो सकते है।
दुनिया भर में लगभग 58.4% स्कूल जाने वाले बच्चे प्राथमिक सिरदर्द के विभिन्न रूपों के शिकार होते है। बच्चों में सिरदर्द के सामान्य कारणों में दूसरे बच्चों का दबाव, पढ़ाई का दबाव या खराब प्रदर्शन और अन्य गतिविधियों को कम करना आदि कारण हो सकते है। प्राथमिक सिरदर्द को मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जाँच और सावधानीपूर्वक अध्ययन द्वारा ठीक किया जा सकता है। वहीं दूसरे तरह के सिरदर्दों को दवाईयों और उपचारों द्वारा हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है। वही बच्चों में सबसे ज्यादा सिरदर्द के कारणों को समझने में दिक्कत होती हैं। माता-पिता को कभी-कभी समस्या की गंभीरता का पता लगाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि बच्चे अक्सर अपनी शिकायत को बताने समझने में असमर्थ होते है। सिरदर्द का अनुभव करने वाले बच्चे अक्सर तेज़ गुस्सेल, चिड़चिड़े और हिंसक होते हैं। साथ ही, बच्चे विभिन्न लक्षणों के साथ विभिन्न प्रकार के सिरदर्द से पीड़ित होते हैं।

माइग्रेन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, माइग्रेन सबसे अधिक प्रचलित बीमारियों में से एक है। इसके लक्षण सामान्यतः कुछ यूँ है-
  1. सिर में तेज दर्द जो बच्चों में थकावट और चिड़चिड़पान पैदा कर सकता है।
  2. मतली और उल्टी होती है।
  3. पेट में ऐंठन होती है।
  4. ध्वनि और प्रकाश के प्रति तीव्र संवेदनशीलता बढ़ जाती है।

तनाव से सिरदर्द

जवान लोगो के मुकाबले ये बच्चों और किशोरों में ये दर्द अधिक आम बात हैं। अक्सर तनाव और थकान के कारण सिर और गर्दन के टिशूज में सामान्य रक्त प्रवाह में रुकावट उत्पन्न होता है, जिससे सिरदर्द होता है। इनके लक्षणों की बात करें, तो 
  1. माथे के दोनों तरफ दर्द होना।
  2. सिर और गर्दन के आसपास की मांसपेशियों में दर्द होना।
  3. बुखार या ब्लड प्रेशर का हाई हो जाना। 

क्लस्टर सिर दर्द

क्लस्टर सिरदर्द एक दिन या एक सप्ताह तक में पांच या उससे ज्यादा बार हो सकता है। यह सिरदर्द हर बार कम से कम 15 मिनट से लेकर 3 घंटे तक हो सकता है।
  1. माथे के एक तरफ दर्दनाक दर्द होना।
  2. नाक में दर्द या खून आ जाना।
  3. आंखों में पानी आना।
  4. स्वभाव में झल्लाहट और बात-बात पर गुस्सा हो जाना।

बच्चों में सिरदर्द के कुछ अन्य मुख्य कारण ये हो सकते है-

  1. मौसमी फ्लू और वायरल इंफेक्शन के कारण 
  2. लगातार साइनस संक्रमण के कारण
  3. तनाव और थकान से के कारण
  4. नींद न आने के कारण
  5. अत्यधिक शारीरिक थकान के कारण
  6. लंबे समय तक पढ़ने के कारण
  7. लंबे समय तक टीवी देखने और वीडियो गेम खेलने के कारण 
  8. आई स्ट्रेन और सिर में चोट लगने के कारण
  9. ट्यूमर के कारण
  10. भावनात्मक तनाव, जैसे पीयर प्रेशर और प्रफोमेंस प्रेशर के कारण
  11. ब्रेन में होने वाले इंफेक्शन जैसे मैनिंजाइटिस और एन्सेफलाइटिस के कारण
  12. नाइट्रेट या एमएसजी से फूड एलर्जी के कारण

बच्चों को सिरदर्द से बचाने के उपाय

बच्चों के सिरदर्द में डॉक्टर की मदद लेना बहुत जरूरी हो जाता है। आज कल ज्यादातर लोग एनाल्जेसिक और पेरासिटामोल का इस्तेमाल करते हैं। यह हानिकारक हो सकता है क्योंकि इन दवाओं के ज्यादा प्रयोग से सिरदर्द कम होने के बजाए और बढ़ सकता है। आपको बच्चों के संतुलित आहार और बाहरी गतिविधियों का खास ख्याल रखना चाहिए। सिरदर्द के कारणों को जानने और उससे बचने के लिए हर बार बच्चों के दर्द पर ध्यान दें। इसके साथ ही खाने-पीने में बिलकुल कोई कमी न करें। बच्चे को स्ट्रेस न दें और उससे हर बात खुल कर करें।

फ्लैट हेड सिंड्रोम बेसिकली तब होता है जब शिशु के जन्म के बाद उसे सिर के बल सुलाया जाता है। जब शिशु 1 माह का होता है और उसे सर के बल सुलाया जाता है। इससे सिर के पीछे एक सपाट स्थान उभकर आता है। अगर बच्चे को करवट लेटाया जाता है तो यह दाएँ या बाएँ तरह उभरता है। यह निर्भर इस बात पर करता है कि आप बच्चे को किस तरफ से सुला रहे है।
फ्लैट हेड सिंड्रोम को पोजीशन plagiocephaly भी कहा जाता है। अपने जन्म के बाद के तीन महीने शिशु पीठ के बल सोते है। इस वक़्त तक बच्चे के सिर की हड्डी पूरी तरह से फ्यूज नही होती है वह मुलायम होती है। इसकी वजह से सिर के एक खास हिस्से पर लगातार दबाव पड़ने पर वह हिस्सा सपाट हो जाता है। यानी कि सिर गोल होने के बजाए यह पीछे या दाएँ बाएँ से थोड़ा चपटा हुआ रहता है।
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फ्लैट हेड सिंड्रोम के लक्षण:

  1. बच्चे का सिर एक तरफ से सपाट होने लगता है।
  2. बच्चे के सिर पर उस हिस्से में कम बाल होते है।
  3. जब शिशु के सिर को नीचे की ओर देखा जाता है, तो चपटा हुआ कान आगे की ओर धंसा हो सकता है।
  4. कई गंभीर मामलों में माथे चपटे से विपरीत दिशा में उभर सकते है। यह असमान दिखता है।
  5. अगर यह Tourisolis का कारण है तो गर्दन जबड़ा और चेहरा भी असमान हो सकता है।

फ्लैट हेड सिंड्रोम के उपाय:

अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को फ्लैट हेड सिंड्रोम हो रहा है या उसके लक्षण दिखाई दे रहे है। तो ऐसे में आपको एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। टोर्टिकोलिस कि जाँच करने के लिए डॉक्टर यह देख सकता है कि बच्चा सिर और गर्दन को कैसे हिलाता है। वैसे आम तौर पर किसी ख़ास तरह की टेस्ट की जरूरत नही पड़ती।

बच्चे को फ्लैट हेड सिंड्रोम से बचाने के उपाय:

पेट के बल लेटाना:

जब बच्चा एक माह का हो जाये तो आप उसे पीठ के बल सुलाने के बजाए। आप उसे पेट के बल लिटाये जब बच्चा जाग रहा हो या दिन का वक़्त हो तो बच्चे को पीठ के बल न लेटा कर उसे पेट के बल ही लिटाये। लेकिन साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा ज्यादा देर तक पेट के बल न लेटे। बीच बीच मे आप उसे अपनी गोद में उठा लें। बच्चे का सिर नाजुक होता है इसलिए बच्चे को जब भी उठाए। उससे पहले बच्चे के सिर के पीछे से उसके सिर को सहारा दे फिर उसे उठाये।

पालना में अलग अलग स्थिति में सुलाये:

विचार करें कि आप अपने बच्चे को पालना में कैसे लेटाते हैं। अधिकांश दाएं हाथ के माता-पिता शिशुओं को अपनी बाईं बाहों में पालते हैं और उन्हें उनके बाएं सिर के साथ लेटते हैं। इस स्थिति में, शिशु को कमरे में देखने के लिए दाईं ओर मुड़ना चाहिए। पालना में अपने बच्चे को सिर के उस तरफ सक्रिय सक्रियता को प्रोत्साहित करने के लिए रखें जो चपटा न हो।

बच्चे को गोद में लें:

आज कल की महिलाएं अपनी जीवन में बहुत व्यस्त होती है। वही पुरुष भी ज्यादातर कामो में ही व्यस्त होता है। इसलिए कई माये शिशु को दूध पिलाने के बाद कई घंटों तक सोने देती है। सोने देना तो अच्छी बात है लेकिन एक ही स्थिति में शिशु का घंटो सोना ठीक नही। इसलिए बीच बीच मे अपने शिशु के सोने की स्थिति को बदले ताकि उसके सिर के किसी भी खास हिस्से पर ज्यादा देर तक दबाव न पड़े।