pargrahi sabhyataon ki khoj |
हमारे एलियन वाले पोस्ट के बाद एक भाई ने हमसे मेल करके सवाल किया है की हम एलियन सभ्यताओं की खोज कैसे कर सकते है ? मतलब जब हमारे बिच इतनी ज्यादा दुरी है की हम आसानी से आ जा नहीं सकते तो फिर हम उनसे मिलेंगे कैसे ? उन्हें खोजेंगे कैसे ?
दोस्तों यकीन मानिये एलियन वाली पोस्ट लिखने के बाद ये ख्याल तो मेरे मन में भी आया था. फिर मैंने नेट पर सर्च किया जैसा की आप जानते है की ज्यादा जानकारी इंग्लिश में ही मिलती है. तो मैंने उन सभी आर्टिकल्स को पढने के बाद आपके लिए यह पोस्ट लाया हूँ हिंदी में ताकि आप समझ सके.
यह सवाल सही है की अगर पृथ्वी के बाहर अन्तरिक्ष में किसी और ग्रह पर जीवन मौजूद हो और वहाँ हमारी ही मानव सभ्यता की तरह परग्रही सभ्यता पनप रही हो तो हम उन्हें कैसे ढूंढे उनसे कैसे संपर्क किया जाए ? इस सवाल का जवाब आपके हाँथ में है यानि की आपके मोबाइल में हम सभी जानते है दोस्तों की हम आज रेडिओं सिग्नल्स से घिरे हुए है.
अगर एक मिनट के लिए भी ये सिग्नल ऑफ हो जाए तो ढेरो काम पेंडिंग हो जायेंगे. एलियन सभ्यताओं को खोजने के लिए हमारे पास तीन आप्शन है. पहला आप्शन ये है की हम अंतरिक्ष यान में बैठ कर सुदूर अंतरिक्ष में चक्कर लगाये हर ग्रह का और वहाँ जीवन की तलाश करे. लेकिन फ़िलहाल हमारे अंतरिक्ष यान इतने सक्षम नहीं है की वे सुदूर अंतरिक्ष में जा सके और अपना काम कर सके.
दूसरा आप्शन है टेलीपेथी यह टेक्नोलॉजी भी अभी वर्त्तमान में हमारे पास मौजूद नहीं है. जिन लोगो को नहीं पता की टेलीपेथी क्या होता है उन्हें बता दूँ की भविष्य में हम टेलीपेथी की मदद से कही भी बड़े ही आराम से आ जा सकते है. अगर आप ने स्टार वार्स फिल्म देखि है तो समझ जायेंगे की मैं किस टेक्नोलॉजी की बात कर रहा हूँ.
तीसरा और कारगर तरीका है रेडिओ तरंगे जी हाँ दोस्तों रेडिओ तरंगे सुदूर अंतरिक्ष में सालो साल तक आगे सफ़र कर सकती है और अगर कोई एलियन सभ्यता हुई. जो हमारी ही जितना विकसित हो या फिर हमसे ज्यादा तो वह भी रेडिओ तरंगो का उपयोग जरुर करती होगी संपर्क करने के लिए,
अगर हमारे द्वारा भेजी गयी कोई भी रेडिओ तरंगे एलियन सभ्यता पकड़ लेती है तो वह उसे डिकोड करके हमारी बात अच्छी तरह से समझ भी सकते होंगे. इसी उम्मीद के साथ अब परग्रही सभ्यता की खोज की शुरुआत हुई है.
सेती (SETI)
सर्च फ़ार एक्स्ट्राटेरेस्ट्रीयल इन्टेलीजेन्स (SETI) सौर मंडल के बाहर बुद्धिमान जीवन की खोज मे लगे एक समूह का नाम है. सेटी प्रोजेक्ट वैज्ञानिक विधीयो से दूरस्थ ग्रहो की सभ्यताओ से हो रहे विद्युत चुंबकिय संचार की खोज मे लगा हुआ है. संयुक्त राज्य अमरीका सरकार ने इस प्रोजेक्ट की शुरुवात मे इसे अनुदान दिया था लेकिन अब यह निजी श्रोतो से प्राप्त धन पर निर्भर है.
१९५९ मे भौतिकि वैज्ञानिकों गीयुसेप्पे कोकोनी (Giuseppe Coconie) और फिलीप मारीशन (Philipp Marishan) ने एक शोधपत्र मे परग्रही सभ्यता के विद्युत चुंबकिय विकिरणो को 1 और 10 गीगा हर्ट्ज पर सुनने की सलाह दी थी. १ गीगाहर्टज से नीचे के संकेत तेजी से गति करते इलेक्ट्रान के द्वारा उत्सर्जित विकिरण से प्रभावित रहेंगे तथा 10 गीगाहर्टज से उपर के संकेत हमारे वातावरण मे मौजूद आक्सीजन और पानी के अणुओ द्वारा उत्पन्न शोर से प्रभावित रहेंगे. उन्होने 1420 गीगाहर्टज की आवृत्ति (Frequency) को बाह्य अंतरिक्ष के संकेतो को सुनने के लिये चूना क्योंकि यह साधारण हायड्रोजन गैस की उत्सर्जन आवृत्ति है और हायड़ोजन गैस सारे ब्रम्हाण्ड मे बहुतायत से है. इस श्रेणी की आवृत्तियों को ‘जल विवर'(Watering Hole) का नाम दिया गया क्योंकि यह परग्रही संचार के उपयुक्त थी.
’जल विवर’ के आसपास बुद्धिमान संकेतो को सुनने का प्रयास निराशाजनक रहा. 1960 मे फ्रेंक ड्रेक (Frank drake) ने संकेतो की खोज के लिये ग्रीन बैंक पश्चिम वर्जीनिया मे 25 मीटर के रेडीयो दूरबीन से ने प्रोजेक्ट ओझ्मा की शुरूवात की प्रोजेक्ट ओझ्मा और किसी भी अन्य प्रोजेक्ट को; जो रात्री के आकाश में संकेतो के लिए छान मारते है आजतक कोई भी सफलता नही मिली पायी है.
अरेसीबो संदेश (Arecibo Messages)
सन 1971 मे नासा मे SETI खोज पर धन लगाने का एक महात्वाकांक्षी प्रस्ताव दिया. उसे प्रोजेक्ट सायक्लोप्स नाम दिया गया, जिसमे10 अरब डालर की लागत से पन्द्रह सौ रेडीयो दूरबीन लगाये गये. कोई आश्चर्य नही था इस खोज का भी कोई परिणाम नही निकला. इसके बावजूद अंतरिक्ष मे परग्रही सभ्यताओ को एक संदेश भेजने वाले एक और छोटे प्रोजेक्ट को मंजूरी मीली.
यह संदेश फ़्रेंक ड्रेक ने कार्ल सागान और कुछ अन्य वैज्ञानिको के साथ लिखा था. इस संदेश मे निम्नलिखित सात भाग थे.
- एक (1) से लेकर दस(10) तक के अंक
- डी एन ए को बनाने वाले तत्व हायड्रोजन, कार्बन, नायट्रोजन, आक्सीजन और फास्फोरस के परमाणु क्रमांक
- डी एन ए के न्युक्लेटाईड के शर्करा और क्षारो के रासायनिक सूत्र
- डी एन ए के न्युक्लेटाईडो की संख्या और डी एन ए की संरचना का चित्रांकन
- मानव के शरीर की आकृति का चित्रांकन तथा मानव जनसंख्या
- सौर मंडल का चित्रांकन
- अरेसीबो रेडीयो दूरबीन का चित्रांकन तथा आकार
सन 1974 में 1679 बाईट के इस संदेश को पोर्ट रीको स्थित महाकाय अरेसीबो रेडीयो दूरबीन से ग्लोबुलर क्लस्टर एम 13 की ओर प्रक्षेपित किया गया जो कि 25,100प्रकाशवर्ष दूरी पर है. यह संदेश एक 23 गुणा 73की सारणी मे था. अंतरिक्ष इतना विशाल है कि इस संदेश का उत्तर आने मे कम से कम 52,200 वर्ष लगेंगे.
इस तरह से दोस्तों दो बड़े बड़े प्रोजेक्ट शुरू किये गए सुदूर अंतरिक्ष में एलियन सभ्यताओं को खोजने के लिए मगर इनसे हमारे हाँथ कुछ भी नहीं लगा. मगर इसका मतलब यह कतई नहीं है की हम हार मान गए है और अब इस क्षेत्र में कोई काम नहीं कर रहा. बल्कि इस क्षेत्र में बहुत से लोग और सरकारे अब भी काम कर रही है.
बल्कि हाल ही की खबरों के अनुसार बहुत से प्राइवेट कंपनी भी अब अंतरिक्ष विज्ञान और खोज में इन्वेस्ट कर रही है. इससे यह ज्ञान होता है की इस क्षेत्र में और भी तेज़ी से खोज होने वाली है हमे बस थोडा धैर्य रखना होगा. और सभी तरह की संभावनाओं पर नज़र बनाये रखनी होगी ताकि हमसे कुछ छुट ना जाए.
क्या पता दोस्तों एक दिन अचानक ही सुबह आप उठे और आपको पता चले की धरती पर एलियन आये है. कौन जाने की जिस तरह से हम उन्हें ढूंड रहे है ठीक उसी तरह वो हमे भी ढूंड रहे हो. अगर कोई एलियन सभ्यता हमसे भी अधिक आधुनिक हुई तो इसके बहुत ज्यादा सम्भावना है की हमे उनसे मिलने जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, बल्कि वो खुद ही हमारे पास आ जायेंगे.
उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा इसी तरह की और भी पोस्ट पढने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कीजिये और हाँ इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूलें.
Read More :
0 comments:
Post a Comment