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umar khayyaam - google doodle |
नमस्कार दोस्तों आज सुबह अगर आपने गूगल ओपन किया होगा तो उस पर आपको एक डूडल दिखा होगा जिसमे एक पिक्चर है एक बुजुर्ग व्यक्ति टोपी पहने हुए उसके सामने किताबे खुली हुई है और उस में फारसी में कुछ लिखा हुआ है. क्या आप जानते है की यह व्यक्ति कौन है ? नहीं जानते तो आईये हम आपको बताते है की यह व्यक्ति कौन है –
Omar Khayyam Biography in Hindi
गूगल ने जिस व्यक्ति को आज सम्मान देने के लिए डूडल लगाया है वह कोई और नहीं बल्कि फारसी के महान साहित्यकार गणितज्ञ और ज्योतिर्विद उमर खय्याम जी है. ये अपने वक़्त के सबसे प्रसिद्द और बुद्धिजीवी व्यक्तियों में से एक है. इनका विवरण निचे दिया गया है –
नाम | उमर खय्याम |
जन्म | 18 मई 1048 |
जन्म स्थान | निशापुर, खोरासन ( वर्त्तमान – ईरान ) |
मृत्यु | 4 दिसम्बर 1131 |
मृत्यु उम्र और स्थान | 83 साल की उम्र में मौत हुई, निशापुर , खोरासन ( वर्त्तमान – ईरान ) |
राष्ट्रीयता | पर्शियन |
उमर खय्याम जी अपने वक़्त के मशहूर फारसी जबान के साहित्यकार, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद थे. इस महान सख्सियत का जन्म उतर पूर्वी फारस के निशाबुर जिसे वर्त्तमान में निशापुर कहा जाता है वह एक खेमा बनाने वाले परिवार में हुआ. उमर खय्याम जी ने इस्लामिक ज्योतिस को एक नयी पहचान दी.
उन्होंने इसमें बहुत सारे सुधार किये और इसी से खुश हो कर उस वक़्त के सुलतान सुल्तान मलिकशाह के पत्रा तारीखे मालिक्शाही में सुधार किया और फिर इसी से जलाली सवंत की शुरुआत हुई. इनकी रुबाईयों (जो की चार पंक्तियों में लिखी एक प्रकार की कविता है ) को विश्व स्तरीय करने में अंग्रेज़ी कवि एडवर्ड फ़िज़्ज़ेराल्ड का बहुत योगदान रहा है.
इसके साथ ही अगर आप इनके गणित के योगदान के बारे जानना चाहते है तो आप ने गणित में ज्यामितीय बीजगणित तो आप ने पढ़ा ही होगा. खय्याम जी ने ही ज्यामिति बीजगणित की स्थापना की, जिसमें उनहोने अल्जेब्रिक समीकरणों के ज्यामितीय हल प्रस्तुत किये.
इसमें हाइपरबोला तथा वृत्त जैसी ज्यामितीय रचनाओं द्बारा क्यूबिक समीकरण का हल शामिल किया गया है. उन्होंने अलजेब्रा में व्यापक द्विघात समीकरण का भी विचार दिया था जो उनकी गणित विषय में दूर दृष्टि को प्रसुत करती है.
उमर खय्याम जी खगोलशास्त्र के क्षेत्र में ही कार्य करते हुए उमर खय्याम ने एक सौर वर्ष की दूरी दशमलव के छः स्थानों तक शुद्ध रूप तक प्राप्त किया था,. यह भले ही आज हमारे लिए उतनी मायने ना रखती हो लेकिन उस दौर के लिए यह एक किसी चमत्कार से कम नहीं था. इस आधार पर उनहोने एक नए कैलेंडर का आविष्कार भी किया.
उस समय की ईरानी हुकूमत के द्वारा इसे जलाली कैलेंडर के नाम से पब्लिश किया गया वर्तमान में ईरानी कैलंडर जलाली कैलेंडर का ही एक मानक रूप मात्र है. उमर खय्याम जी को सम्मान देने के लिए ऑस्ट्रेलिया की राजधानी वियना में स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यालय में उमर खय्याम जी की एक प्रतिमा भी लगायी गयी है.
आज 18 दिसम्बर 2019 को उमर खय्याम जी का 971 जन्म दिन मनाया जायेगा और शायद इसी लिए गूगल उनके जन्म दिन को मनाने के लिए साथ ही उन्हें सम्मान देने के लिए अपने डूडल क्र रूप में उन्हें याद कर रहा है. तो दोस्तों कमेंट करके बताइए की आपको हमारा यह बायोग्राफी आर्टिकल कैसा लगा.
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