लूसी विल्स – Lucy Wills

lucy wills - google doodle

नमस्कार दोस्तों आज जैसा की आप सब गूगल पर एक डूडल देख ही रहे होंगे जिसमे एक महिला कुर्सी पर बैठी है. उसके टेबल पर चाय और टोस्ट रखा हुआ है इसके अलावा शायद उसने अपने हाँथ में जैम की बोतल उठा रखा है और इन सबके अलावा उसके मेज़ पर एक सूक्ष्मदर्शी और कुछ किप के साथ कुछ पेपर रखे हुए है.
Lucy Wills एक ब्रिटिश डोक्टर थी जिन्होंने गर्भवती औरतों के लिए फोलिक एसिड जैसी विटामिन्स का पता लगाया. लूसी विल्स वह पहली महिला है जिन्होंने गर्भवती औरतों को देख कर फोलिक एसिड पर शोध किया और यह शाबित कर दिखाया की फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए कितना उपयोगी है.
जन्म10 मई 1888
मृत्यु16 अप्रैल 1964
जन्म स्थानSutton Coldfield near Birmingham, यूनाइटेड किंगडम
पिताविलियम लिओनार्ड विल्स (1858 से 1911 तक )
माताएनी विल्स ( 1855 से 1939 तक )
शिक्षाCheltenham Ladies’ College
Newnham College Cambridge
London (Royal Free Hospital) School of Medicine for Women
लूसी विल्स का जन्म 10 मई 1888 में ब्रिटेन में हुआ था लूसी विल्स के पिता विलियम लिओनार्ड विल्स खुद भी साइंस में ग्रेजुएट थे मेनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इनकी माँ एनी विल्स थी. इनका पूरा परिवार ही साइंस में काफी रूचि रखता था और शुरू से ही किसी न किसी साइंस फील्ड से जुड़े हुए थे.
लूसी विल्स के पिता को बॉटनी जूलॉजी जियोलॉजी के साथ साथ नेचुरल साइंस में भी इंटरेस्ट था और वह इस पर काम भी करते थे. Lucy Wills के भाई लियोनार्ड johnstone को जियोलॉजी और नेचुरल साइंस में दिलचस्पी थी और उन्होंने इसपे ही आगे काम करके काफी सोहरत हासिल की.
लूसी विल्स ने Cheltenham Ladies’ College में दाखिला लिया यह एक बोर्डिंग स्कूल था सिर्फ महिलाओं के लिए यह कॉलेज मेडिकल स्टूडेंट के लिए था. उसके बाद लूसी विल्स ने अपनी आगे की पढाई के लिए Newnham College Cambridge में दाखिला लिया और इसी के साथ लूसी विल्स बहुत ज्यादा इन्वोल थी botanist Albert Charles Seward, और palebiologist Herbert Henry Thomas .
उसके बाद लूसी ने सन 1911 में अपना कोर्स कम्पलीट किया उसके बाद Feb. 1911 को लूसी के पिता की मृत्यु हो गयी वह उस वक़्त 52 साल के थे. लूसी को उनकी मौत से काफी सदमा लगा क्योकि वह उनके बहुत ही करीब थी और इस घटना ने लूसी के फाइनल एग्जाम पर काफी प्रभाव डाला. उसके बाद सन 1913 में लूसी की बड़ी बहन एडिथ की मृत्यु हो गयी वह उस वक़्त सिर्फ 26 साल की थी.
इसके बाद Jan. 1915 में लूसी ने London (Royal Free Hospital) School of Medicine for Women में एडमिशन लिया. यह ब्रिटेन का पहला ऐसा स्कूल था जहाँ महिलाओं को मेडिकल की शिक्षा दी जाती थी इससे पहले महिलाये सिर्फ नर्स का ही काम किया करती थी.
इस स्कूल की फाउंडेशन सोफिया जेक्स-ब्लाके और उनके suppoters द्वारा चलाया जाता था. लन्दन स्कूल ऑफ़ मेडिसिन से पढने के बाद लूसी ने बतोर एक डोक्टर के रूप में कार्य करने के बजाये उन्होंने एक researcher और टीचर की तरह अपने करियर की शुरुआत की उनका विषय था मेटाबोलिक स्टडीज ऑफ़ प्रेगनेंसी.
इसके बाद सन 1928 में लूसी इंडिया आई यहाँ वो कारखानों में काम करने वाली गर्भवती महिलाओं पर शोध कर रही थी. इन महिलाओं में मिक्रोय्टिक एनीमिया के लक्षण थे उन्होंने बतोर researcher Indian Research Fund Association at the Haffkine Institute in Bombay को ज्वाइन किया.
उसके बाद लूसी ने प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया पर research करते हुए उन्होंने फोलिक एसिड की महत्त्व को जाना और समझा भी इसके साथ ही उन्होंने फोलिक एसिड की प्रेगनेंसी औरतों के प्रति महत्व को शाबित भी कर दिया. आज फोलिक एसिड सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए ही उपयोग नहीं किया जाता बल्कि इसका उपयोग कई क्षेत्रो में किया जा रहा है.
इस महान महिला ने कभी शादी नहीं की वो इसके बजाये अपने परिवार जनों से काफी जुडी रही वो अपने भाइयों के बच्चो के साथ घुल मिल जाती. इसके साथ ही लूसी विल्स के बहुत सारे दोस्त थे जो उनकी ज़िन्दगी के अधूरेपन को दूर कर देते थे.
लूसी विल्स के द्वारा लिखे कुछ आर्टिकल इन विषयों पर आधारित थे –
  1. Wills, L (1914), ब्रिटेन के कोयला-उपायों से प्लांट क्यूटिकल्स, भूवैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ.
  2. Wills, L & Warwick, J (1924), एडेनोइड बच्चा : एक हिस्टोलॉजिकल और नैदानिक ​​अध्ययन, चिकित्सा की त्रैमासिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ.
  3. Pillman-Williams, EC & Wills, L (1929), गर्भावस्था के दौरान रक्त और मूत्र रसायन में अध्ययन: रक्त शर्करा घटता है पर शोध व चिकित्सा क्षेत्र की त्रैमासिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ.
  4. Wills, L & Mechta, MM (1930), गर्भावस्था के ‘घातक रक्ताल्पता’ में अध्ययन भाग 1 प्रारंभिक रिपोर्ट इंडियन जर्नल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च में छपा.
  5. Wills, L & Talpade, SN (1931), गर्भावस्था के ‘घातक रक्ताल्पता’ में अध्ययन भाग 2 बॉम्बे इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में महिलाओं की आहार संबंधी और स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों का सर्वेक्षण पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुआ.
  6. Wills, L & Mechta, MM (1931), गर्भावस्था के ‘घातक रक्ताल्पता’ में अध्ययन भाग 3 इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के लिए सामान्य रक्त मानकों का निर्धारण प्रकाशित हुआ.
  7. Wills, L & Mechta, MM (1931), गर्भावस्था के ‘घातक रक्ताल्पता’ में अध्ययन भाग 4 विश्व अनुसंधान में अनुसंधान की कमी से जूझ रहे भारतीय भोजन में अल्बिनो चूहों में खतरनाक एनीमिया (बार्टोनेला एनीमिया) का उत्पादन प्रकाशित हुआ.
  8. Wills, L (1931), गर्भावस्था के ‘घातक एनीमिया’ और एमिया ट्रॉपिकल एनीमिया ’का उपचार, क्यूरेटिव एजेंट के रूप में यीस्ट एक्सट्रैक्ट के विशेष संदर्भ में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ.
  9. Wills, L (1933), मार्माइट में हेमोपोइटिक कारक की प्रकृति पर अध्ययन और प्रकाशन.
  10. Wills, L (1934), इंडियन जर्नल और मेडिकल रिसर्च में कई आर्टिकल प्रकाशित हुए.
  11. Wills, L & Stewart, A (1935), प्रायोगिक पैथोलॉजी के ब्रिटिश जर्नल में कई लेख प्रकशित हुए.
  12. Wills, L & Clutterbuck, PW & Evans, BDF (1937), उत्पादन और एक निश्चित macrocytic anaemias के इलाज में एक नया कारक.
  13. Wills, L & Evans, BDF (1938), ट्रॉपिकल मैक्रोसाइटिक एनीमिया: इसका संबंध पेर्निकिऔस एनीमिया से है। लैंसेट में प्रकाशित हुआ.
  14. Wills, L (1945), पोषण सर्वेक्षण, लंदन स्कूल ऑफ मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ.
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