जवाब :
- अगर सभी यात्रियों के लिए प्लेन में पैराशूट की व्यवस्था की जाये तो यह एयरलाइन को बहुत ही ज्यादा महँगा पड़ेगा.
- इसके साथ ही सभी यात्रियों के लिए पैराशूट की व्यवस्था करने पर एयरप्लेन में इसके लिए बहुत सारी जगह चाहिए जो की मुमकिन नहीं है.
- एक पैराशूट का औसत वजन 7 किलो से लेकर 14 किलो तक हो सकता है. ऐसे में अगर एक एयरप्लेन में 150 यात्री भी हुए तो सिर्फ पैराशूट का वजन ही 1050 किलो से लेकर 2100 किलोग्राम तक हो जायेगा. हम सभी जानते है की एयरप्लेन सिर्फ कुछ निश्चित तय वजन लेकर ही उड़ान भर सकता है.
- पुरे एयरप्लेन का वजन उसकी उड़ान पर प्रभाव न डाले इसलिए आपके सामान को किलोग्राम के हिसाब से डिवाइड किया जाता है. अगर पुरे एयरप्लेन का वजन ज्यादा हो जाता है तो आपका सामान दुसरे प्लेन से भेजा जाता है.
- इसके साथ ही हर बार उड़ान भरने से पहले पुरे एयरप्लेन की जाँच होती है, ऐसे में अगर हर एक पैराशूट की जाँच की जाये तो इसमें और भी ज्यादा समय लगेगा.
- इसके साथ ही एयरप्लेन के हर बार उड़ान भरने से पहले एयर होस्टेज को यात्रिओं को इमरजेंसी में पैराशूट का इस्तेमाल कैसे करना है यह समझाने में भी बहुत ज्यादा समय लगेगा.
- इसके साथ एयर होस्टेज के पैराशूट के इस्तेमाल के बारे में बता दिए जाने पर भी यात्री सही से समझ सके यह जरुरी नहीं.
- अगर किसी आपातकालीन परिस्थिति में सभी यात्रिओं को अगर पैराशूट से निचे उतारना पड़ा तो ऐसी स्थिति में प्लेन के अन्दर ही भगदड़ मच जाएगी. जिससे प्लेन असंतुलित हो कर समय से पहले ही क्रेश हो सकता है.
- यात्री एयरप्लेन 35000 फीट की ऊँचाई पर उड़ते है, ऐसे में आप ही बताइए क्या आप इतनी ऊँचाई से पैराशूट से निचे कूद सकते है. जाहिर है नहीं यह हर किसी व्यक्ति के बस की बात नहीं है.
- स्काई ड्राइविंग करने वाला कोई व्यक्ति जब 15000 फीट की ऊँचाई से जम्प करता है तो उसे ऑक्सीजन की जरुरत पड़ती है. क्योकि इतनी ऊँचाई पर आप आसानी से साँस नहीं ले सकते, अगर सभी यात्री के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई तो यह काफी महँगा होगा.
- इसके साथ ही यात्रिओं के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए एयरप्लेन में अतिरिक्त जगहों की जरुरत पड़ेगी जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती.
- चूँकि प्लेन हवा में होगा और जिस वक़्त आपातकालीन स्थिति होगी उस वक़्त जरुरी नहीं की प्लेन किसी जमीनी सतह के ऊपर उड़ रहा हो. आप सीधे किसी समुद्र के बीचो बीच भी उतर सकते है जोकि और भी भयानक परिस्थिति उत्पन्न कर देगी.
इन्ही सब कारणों की वजह से यात्री एयरप्लेन में यात्रियों के लिए पैराशूट की व्यवस्था नहीं की जाती. क्योकि यह असुविधाजनक होने के साथ साथ खतरनाक और खर्चीला है. इससे प्लेन की उड़ान पर असर पड़ता है और एयरप्लेन में बार बार उड़ान सम्बंधित असुविधा होने के साथ साथ क्रेश होने के चांसेस भी बढ़ जायेगे.